महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में आम जनता और किसानों की परेशानी को दूर करने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा में अपनी विचारधारा को लेकर ऐसी बात कही है। जिससे एक बार फिर से पार्टी पर सवाल उठ सकते हैं। विधानसभा में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं अभी भी हिं’दुत्व की वि’चारधा’रा के साथ हूं और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के साथ शिवसेना के सरकार बनाने पर विचारधारा को लेकर सवाल उठ रहे थे। लोगों का कहना है कि महाराष्ट्र में वि’परी’त विचारधारा की सरकार है। इसके साथ ही बयान पर सफाई देते हुए उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा है कि वह बहुत ही भा’ग्यशा’ली मुख्यमंत्री हैं क्योंकि जिन्होंने मेरा वि’रोध किया। अब वह मेरे साथ आ गए हैं और जो मेरे साथ है वह विपक्ष में चले गए हैं।

मैं यहां अपनी किस्मत और लोगों के आशीर्वाद की वजह से पहुंचा हूं। मैंने कभी किसी को नहीं बताया कि मैं यहां आऊंगा लेकिन मैं आ गया। इसके साथ ही सीएम ठाकरे ने ये भी कहा कि मैंने देवेंद्र फडणवीस से बहुत सी चीजें सीखी हैं और मैं हमेशा उनका दोस्त रहूंगा। मैं अभी भी ‘हिं’दुत्व’ की विचारधारा के साथ हूं और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा। पिछले 5 सरकार में मैंने कभी भी सरकार को धो’खा नहीं दिया है।
इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के महागठबंधन को विश्वास मत के लिए न्यूनतम 145 वोट की जरूरत थी लेकिन उन्हें कुल 169 मत मिले। भारतीय जनता पार्टी के 105 विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया, जबकि चार विधायक तटस्थ रहे और उन्होंने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है।